स्विम पेरेंट्स होने के खातिर, हममे से ज्यादातर लोग अपने बच्चो की लाइफ में involved रहते है. हमारे बच्चो की दिनचर्या काफी कठिन होती है जब किसी स्पोर्ट्स से जुड़े हुए होते है क्युकी उनको स्कूल जाने से पहले और आने के बाद प्रैक्टिस करना पड़ता है और इसके साथ ही साथ स्कूल के भी काम करने होते है और इन सब को करने के बाद ही वो एक नार्मल लाइफ पाने की कोसिस करते है| और कोशिश करते है अपने बिजी स्विम schedules को और अपने स्कूल के schedules को balance करने की|
हम पेरेंट्स की जॉब इतनी है की हम अपने बच्चो को गाइड करे और उन्हों हमेसा सपोर्ट करते रहे| हमे उनको लगतार चियर्स करते रहना चाहिए और साथ ही साथ उनको अपनी तरफ से प्यार भी दिखाना चाहिए, ये नहीं की उनके struggle को ही हम हटा दे ऐसा बिलकुल नहीं करना चाहिए बच्चो को उनके struggle से खुद लड़ना चाहिए ताकि वो हमेसा सेल्फडिपेंडेंट रहे,जब बच्चे प्रॉब्लम में होते है चाहे वो एक टफ कोच का सामना करना हो या एक टीचर का या किसी फैसले को लेने का तो हमे उनको ये सब खुद से ही हैंडल करने देना चाहिए ताकि वो अपनी लाइफ से कुछ सिख सके अगर उनके decision गलत होंगे तो वो अपनी लाइफ में आगे दोबारा वो गलती नहीं करेंगे और अगर आप उनकी मदद करने लगे तो बाद में गलती करने का चांस बढ़ जाता है| और खुद से struggle करने से उनका मानसिक growth भी तेज़ी से होता है|
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निचे कुछ खास टिप्स दिए गये है जिनका इस्तेमाल आप अपने बच्चे के साथ कर सकते है:-
- क्या हमे कोई उदहारण देना चाहिए?
जब हम खुद परेशानी में होते है तो हम क्या करता है? क्या हम उससे डर के भाग जाते है या उसका सामना करते है ? और आप सब जानते होंगे की बच्चे हमारी बातो से ज्यादा हमारे एक्शन को याद रखते है जैसा हम उनके सामने करेंगे वैसा ही वो हमसे सीखेंगे|
2.अपनी comfort जोन से बाहर निकल कर|
एक कोच जिनको लगभग 30 साल का क्लब और कॉलेज लेवल स्विमिंग का experience है, Tim Hill जो की the Sharks Swim Team, Friendswood(Texas) रहते है उन्होंने मुझसे कुछ इन्फो शेयर करी जिनमे उन्होंने तैराक और पेरेंट्स को Train ugly नाम दिया, और इसको एक और समान नाम से बोला “Jungle Tigers vs. Zoo Tigers.” जिसमें Zoo Tiger का नाम उनको दिया जो अपने कम्फर्ट जोन में है और जो अपने कम्फर्ट जोन से बहार है और struggle कर रहे है उनको Jungle Tigers कहा, तो यहाँ प्रश्न उठता है की क्या आप अपने बच्चो को एक Cage(पिंजरे) में रख रहे है और उसे जरुरत की सारी चीज़ दे रहे है, और उसके लाइफ के struggle को कम कर रहे है? या हम अपने बच्चे को उसके कम्फर्ट जोन से निकल कर उसे लाइफ के struggle को कैसे सामना किया जाय वो सिखा रहे है|
- कब उनका साथ देना है|
हमे अपने बच्चो को उनकी प्रॉब्लम को खुद Solve करने के लिए छोड़ देना चाहिए और नज़र रखे रहना चाहिए की वो अपनी प्रॉब्लम को कैसे solve करते है, हां आपको जब लगे की उससे प्रॉब्लम solve नहीं होगी तो बीच में आकर थोड़ी मदद करना ठीक रहता है लेकिन बार बार बीच में नहीं आना चाहिए और ना ही पूरी प्रॉब्लम को solve करना चाहिए, आपक काम सिर्फ अपने बच्चे को सही दिशा देना है|
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