जीवन मे कुछ ऐसे दिन भी आएँगे

ऐसे दिन होंगे, या शायद कुछ महीने, जहां आपको लगेगा कि आप अपनी performance के चरम पर पहुंच गए हैं। आपको लगेगा की अब मुझे extra करने की ज्यादा जरूरत नहीं हैं लेकिन असली में आपका downfall यही से शुरू हो रहा होगा।

जब नकारात्मक(Negative) results आते हैं, तो हमारे लिए उस situations को hopeless situation के रूप में देखना आसान होता हैं। भविष्य गंभीर हो सकता हैं, केवल इसलिए कि आपके द्वारा दिया गया अंतिम प्रयास खराब हो गया था। जब unfortunate Events या results सामने आते हैं तो परेशान होना ठीक भी हैं। बहुत से लोग का ये मानना हैं की केवल positive results को स्वीकार किया जाना चाहिए ताकि आप खराब परिणाम को नजरंदाज कर सके। हालांकि, negative thoughts और feelins को दबाना खतरनाक हो सकता हैं।

कुछ ऐसे भी होते हैं जो कहते हैं की “मैं बहुत भावुक तैराक हूं। मैं कड़ी मेहनत करता हूं, मैं जो करता हूं उसमें बहुत प्रयास करता हूं, इसलिए जब बुरी चीजें होती हैं, तो वे मेरे लिए विनाशकारी होती हैं”।

इसके लिए मेरे पास एक rule हैं :-

पांच मिनट अपने लिए निकाले, और परेशान हों। रोंए, खुद को डांटे, किसी soft toy या pillow को hit करे और अपनी भावनाओं को कम होने दें। आपने वह नहीं किया जो आप प्राप्त करने का सपना देखते थे, आपने अपना कीमती समय दिया हैं, रोने और अपनी नकारात्मक भावनाओं के साथ समय बिताना आगे के लिए अच्छा होता है, यह आपको राहत देता है।

हालाँकि, जब वे पाँच मिनट ऊपर हो जाते हैं, तो सुधार करने के तरीकों के बारे में सोचे, खुश हो जाएँ, और आगे देखें कि क्या आना है। पिछली achievements को याद करे जो आपको विशेष, महत्वपूर्ण और मूल्यवान महसूस कराती हैं। सकारात्मक घटनाओं पर ध्यान केंद्रित करने से आपको खड़े होने में मदद मिलती है, अपनी कीमत याद रखें। उन दोस्तों से बात करें, क्यूकी उसमे कुछ ऐसे दोस्त होंगे जो पहले इसी situations से गुजरे होंगे या आने वाले समय मे गुजरेंगे।

एक बार जब डर पर काबू पा लिया जाता है इस बात पर ध्यान केंद्रित किया जाना सही है कि जब आप अपना लक्ष्य हासिल कर रहे होंगे तो आपको कितना अद्भुत अनुभव होगा, आनंद और उत्साह होगा, गर्व होगा मेरी टीम और माता-पिता को।

जब मैं अपने मन को फिर से बताता हूं कि किसी चीज को पूरा करना कितना अद्भुत है, तो मुझे पता चलता है कि मेरे लिए सबसे ज्यादा क्या मायने रखता है और मै क्यों तैर रहा हूं।

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About Sanuj Srivastava

Sanuj Srivastava

Indian swimmer Sanuj Srivastava was born on 21 January 1996 in India. He started loving water at the age of 13 and seeing his love for water, his friends named him "Gold Fish". He graduated with a Bachelor of Science degree in Physics, Chemistry and Mathematics in 2016. Sanuj has …

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