कौन सा वर्कआउट आपके कंधो को मजबूत बना सकता है 

  0 Sanuj Srivastava | November 13th, 2016

स्विमिंग कम प्रभाव वाली फिटनेस गतिविधियों के बीच सबसे लोकप्रिय है। सिर्फ संयुक्त राज्य अमेरिका में एक लाख से अधिक लोग प्रतिस्पर्धी और मनोरंजन तैराक है। इलीट वर्ग तैराक भी अधिक से अधिक पांच मील की दूरी की स्विमिंग एक दिन के लिए अपनी ट्रेनिग में करते हैं। सबसे आम तैराकी चोटे, कंधों, घुटनों, कूल्हों, या पीठ में होती है जोकि स्विमिंग स्ट्रोक पर निर्भर करता है।

स्विमिंग में सबसे अधिक तैराक कंधो की चोट से पीड़ित होता है। कंधे की चोट में रोटेटर कफ इम्पिन्ग्मेंट भी शामिल होता हैं। रोटेटर कफ इम्पिन्ग्मेंट की मदद से ही हाथ को लिफ्ट करा सकते है कंधो को घुमा सकते है। बाइसेप्स तेंदोनितिस जोकि बाइसेप्स में होने वाली दर्दनाक सूजन है उससे भी कंधो में अस्थिरता आ जाती है। जिसमें कंधो के जॉइंट के चारों ओर के स्ट्रकचर कंधे के भीतर गेंद को सॉकेट बनाए रखने के लिए काम नहीं करते। इसके कारन थकान और रोटेटर कफ और कंधो के आसपास की मांसपेशियों में कमजोरी का कारन बन सकते हैं।

इस तरह से होने वाली इन चोटों को रोकने के लिए जरुरी है की कंधों को मजबूत बनाया जाये। यहाँ निचे एक एक अद्भुत कसरत दी गयी है जिससे आपके कंधों को मजबूती और उन्हें चोट से बचाया जा सकेगा:-

सुपरसेट 1: x5 = 60 रेप्स

बैठकर अर्नोल्ड प्रेस – 10 रेप्स

बैठकर डम्बेल प्रेस (एक ही वजन का प्रयोग करे) – 5 रेप्स

सुपरसेट 2: x5 सेट = 100 रेप्स

डम्बेल लेटरल रेसेस भारी वजन के साथ – 10 रेप्स

डम्बेल लेटरल रेसेस हल्का वजन के साथ – 10 रेप्स

रेयर बेल्ट क्रॉसओवर: 10 X10 = 100 रेप्स

अपराइट रो पिरामिड: X3 = 90 रेप्स

बारबेल अपराइट रो भारी वजन के साथ – 10 रेप्स

बारबेल अपराइट रो – भरी वजन से 30% तक वेट का इस्तेमाल करे – 10 रेप्स

बारबेल अपराइट रो –  30% फिर से कम करके वजन उठाये – 10 रेप्स

सुपरसेट 3: x5 = 100 रेप्स

केबल सिंगल लेटरल रेसेस- 10 रेप्स प्रत्येक हाथ से

केबल सिंगल लेटरल रेसेस – 10 रेप्स प्रत्येक हाथ

बारबेल मिलेट्री स्ट्रिक्ट प्रेस: 10 रेप्स x 5 = 50 रेप्स

= कुल 500 रेप्स

जब आप वजन का चुनाव करे तो आपको कोण सा वजन आपको अच्छा परिणाम देगा वो पूरा आपके उपर निर्भर करता है। ये आप ही सेलेक्ट करेंगे की किस वजन से आप कितना वर्कआउट कर सकते है और जिससे आपको अच्छा रिजल्ट मिल सके| किसी के लिए कम वजन के साथ वर्कआउट करना ज्यादा लाभदायक होता है जबकि किसी के लिए ज्यादा वजन के साथ वर्कआउट करने से लाभ होता है| आप अपने शरीर की सुने की कौन सा वजन आपके शरीर के लिए सही होगा|

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