जिम बनाम तैराकी: कौन बेहतर है और क्यों?
फिटनेस के लिए जिम और तैराकी दोनों ही बेहतरीन विकल्प हैं। लेकिन अगर आपका लक्ष्य बेहतर फिटनेस के साथ–साथ एक नए कौशल को विकसित करना है, तो तैराकी एक शानदार विकल्प हो सकता है। वहीं, जिम आपके शरीर की ताकत, स्टैमिना और फोकस को बढ़ाने का साधन है। आइए दोनों का तुलनात्मक अध्ययन करते हैं और समझते हैं कि कौन–सा विकल्प कब बेहतर हो सकता है।
तैराकी के फायदे
- पूरे शरीर की कसरत: तैराकी शरीर की लगभग सभी मांसपेशियों को सक्रिय करती है। यह कार्डियो और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग का बेहतरीन संयोजन है।
- जोड़ों पर कम दबाव: तैराकी पानी में की जाती है, जिससे यह लो–इम्पैक्ट एक्सरसाइज बनती है। यह खासतौर से उन लोगों के लिए फायदेमंद है जिन्हें जोड़ों में दर्द की समस्या है।
- लचीलापन और कोर्डिनेशन: तैराकी से शरीर में लचीलापन और हाथ–पैरों का तालमेल बेहतर होता है।
- मोटापा घटाने में मददगार: 30 मिनट की तैराकी में औसतन 200-400 कैलोरी बर्न हो सकती हैं।
जिम के फायदे
- मसल्स बिल्डिंग: जिम में वेट ट्रेनिंग मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करती है।
- विशिष्ट मांसपेशियों पर फोकस: आप अपने शरीर के किसी भी हिस्से को विशेष रूप से टोन और मजबूत कर सकते हैं।
- सुविधा और उपकरण: जिम में कई प्रकार के उपकरण होते हैं, जिनसे आप अपनी फिटनेस के लक्ष्यों को बेहतर ढंग से प्राप्त कर सकते हैं।
- फिटनेस का वैरायटी: वेट ट्रेनिंग, कार्डियो, और योग जैसी कई गतिविधियां जिम में उपलब्ध होती हैं।
तैराकी बनाम जिम: कौन चुनें?
- अगर आपको वजन घटाना है और पूरी बॉडी को टोन करना है, तो तैराकी बढ़िया विकल्प है।
- अगर आप मांसपेशियों को मजबूत बनाना और शरीर को शेप में लाना चाहते हैं, तो जिम बेहतर है।
- अगर आपका बजट सीमित है और आपको एक ही जगह पर सब कुछ चाहिए, तो जिम अधिक सुविधाजनक हो सकता है।
- अगर आप फिटनेस के साथ–साथ एक स्किल (तैराकी) भी सीखना चाहते हैं, तो पूल में उतरना सही रहेगा।
जब पूल बंद हो, तो जिम में क्या करें?
अगर किसी कारणवश पूल बंद हो जाए, तो आप जिम में कुछ खास एक्सरसाइज कर सकते हैं जो आपकी तैराकी में सुधार करेंगी। ये एक्सरसाइज तैराकी की मांसपेशियों को सक्रिय करती हैं और आपकी तकनीक को मजबूत बनाने में मदद करती हैं।
1. लेट पुलडाउन (Lat Pulldown)
- यह आपकी पीठ और कंधों को मजबूत करता है, जो फ्रीस्टाइल और बैकस्ट्रोक के लिए अहम हैं।
2. डेडलिफ्ट (Deadlift)
- डेडलिफ्ट से शरीर की ताकत और स्टैमिना बढ़ता है, जिससे आपका फ्लोटिंग और स्ट्रोक पावर बेहतर होता है।
3. प्लैंक्स (Planks)
- प्लैंक्स से कोर मसल्स मजबूत होती हैं, जो तैराकी में संतुलन बनाए रखने में मदद करती हैं।
4. केटलबेल स्विंग (Kettlebell Swing)
- यह आपकी हिप्स और ग्लूट्स को मजबूत करता है, जिससे आपकी किकिंग पावर बढ़ती है।
5. रोइंग मशीन (Rowing Machine)
- रोइंग मशीन आपके हाथ और कंधे को मजबूत करती है और कार्डियो फिटनेस को बढ़ाती है।
6. स्क्वाट्स (Squats)
- स्क्वाट्स आपकी पैरों की ताकत बढ़ाने में मदद करती हैं, जिससे किक में गति और ताकत आती है।
निष्कर्ष
तैराकी और जिम दोनों ही फिटनेस के लिए जरूरी हैं। अगर आपके पास पूल का विकल्प नहीं है, तो जिम में तैराकी से संबंधित मसल्स को मजबूत करने वाली एक्सरसाइज पर ध्यान दें। सही योजना और निरंतर अभ्यास से आप अपनी तैराकी को पूल से बाहर भी बेहतर बना सकते हैं।